उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री:- डॉ. मनसुख मंडाविया
वाराणसी, 10 दिसंबर 2022 श्रीमती आनंदीबेन पटेल, माननीय राज्यपाल, उत्तर प्रदेश ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) के दो दिवसीय सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन किया।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस 2022 समारोह का उद्घाटन किया
"सामूहिक प्रयासों से हम 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं"
8 करोड़ ई-संजीवनी टेली-परामर्श के कारण दो वर्षों में लाभार्थियों के जेब खर्च में लगभग 7,500 करोड़ रुपये की बचत हुई: डॉ. मनसुख मंडाविया
वाराणसी, 10 दिसंबर 2022
श्रीमती आनंदीबेन पटेल, माननीय राज्यपाल, उत्तर प्रदेश ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) के दो दिवसीय सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में राज्यों के कई स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी भाग लिया। उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री, डॉ दया शंकर मिश्रा, श्रीमती विदादला रजनी (आंध्र प्रदेश), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), डॉ प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्री रवींद्र जायसवाल (उत्तर प्रदेश), श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य (पश्चिम बंगाल), डॉ. सपम रंजन (मणिपुर) और डॉ. एम के शर्मा (सिक्किम) शामिल थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय राज्यपाल, उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं की अंतिम मील तक वितरण प्रदान करने में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि 1.33 लाख से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र अब चालू हो गए हैं और टेली-परामर्श सेवाओं के केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं"। उन्होंने आगे इन केंद्रों पर चिकित्सा पेशेवरों को स्थानीय आबादी के बीच विभिन्न बीमारियों की जांच के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया, इस बात पर बल भी दिया कि रोगों के उन्मूलन के लिए सहयोगात्मक प्रयास आवश्यक है। निक्षय-मित्र पहल की भावना और प्रगति की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि, "केंद्र, राज्यों, समुदायों और व्यक्तियों के सहयोगात्मक प्रयास से, हम आसानी से 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। आइए हम सब आगे आएं और निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों का समर्थन करें।"
सम्मेलन के प्रारंभ में, डॉ. मनसुख मंडाविया ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को उनकी निस्वार्थ सेवा और विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदर्शित कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डिजिटल स्वास्थ्य में भारत सरकार की प्रमुख पहल ई-संजीवनी के महत्वपूर्ण प्रभाव की प्रशंसा करते हुए विस्तार से बताया कि इसने रोगी के प्रति स्वास्थ्य यात्रा में 21.59 किमी की सफलतापूर्वक बचत कर उसके खर्चे में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 941.51 रुपये प्रति स्वास्थ्य यात्रा बचाये हैं इस पहल से देश भर में कुल 7,522 करोड़ रुपये की बचत हुई है। टेली-परामर्श की सुविधा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर उपलब्ध हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आग्रह किया कि स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में प्रदान की जा रही 12 स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्क्रीनिंग, निदान और उपचार के माध्यम से एकीकृत स्वास्थ्य और कल्याण पर व्यापक अभियान के लिए महीने में एक बार स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जाना चाहिए।
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